Nidhi Saxena

Add To collaction

पैगाम इश्क ए मोहब्बत का

विषय ; पैगाम इश्क ए मोहब्बत का



रोज़ राह पर निगाहें तक लगाती हूं 
ना जाने कब तुम्हारे आने का पैगाम आएगा 

ना जाने कब तुम्हारे आने का पैगाम आएगा 

जहां जाती हूं वहां सिर्फ तुम्हे ही ढूंढती हूं 
ना जाने कहां से कोई 
तुम्हारे आने का पैगाम लायेगा 

रोज़ तुमसे होती है सपनों में मुलाकात 
और बोलते हो कल आओगे
लेकिन हकीकत में 
ना तुम आते हो और न तुम्हारा कोई पैगाम 

माना तुम्हारी नौकरी
 तुम्हे छुट्टी की इजाज़त नही देती 
मगर पैगाम भेजने से भी 
तो नही रोकते
मेरे वीर सिपाही मेरे पैगाम
 तुम तक पहुंचते तो होंगे
आओ जाओ तुम मेरे वीर सिपाही
या भेज दो कोई पैगाम अपना 
इश्क ए मोहब्बत का । ❣️

    नीर (निधि सक्सैना)

   10
5 Comments

Gunjan Kamal

23-Dec-2022 05:52 PM

शानदार प्रस्तुति 👌🙏🏻

Reply

Sachin dev

23-Dec-2022 04:47 PM

Amazing

Reply

Punam verma

23-Dec-2022 09:33 AM

Very nice

Reply